साहित्य : सृजन और समीक्षा
ऐसे चित्र खींचने का मन तो हमारा भी करता है।
आज पूनम की रात है और चित्र में भी चांद अपने उरूज पर है। ‘कैमरे की संदूकची’ का सुंदर प्रयोग किया गया है सर जी:)
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ऐसे चित्र खींचने का मन तो हमारा भी करता है।
आज पूनम की रात है और चित्र में भी चांद अपने उरूज पर है। ‘कैमरे की संदूकची’ का सुंदर प्रयोग किया गया है सर जी:)
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