चार मई|
विवाह की वर्षगाँठ|
1984 को 27 बरस गुज़र गए! पता ही नहीं चला|
अरे, यह क्या? हम बुढ़ा चले|
लव[बेटा] दिल्ली में है इन दिनों; लिपि[बिटिया] यहाँ हैदराबाद में|
बेटे का आज पास में न होना अखरता रहा; पर आ भी तो नहीं सकता पढ़ाई छोड़ कर बीच में|
इस तरह की भावुकता बच्चों को नहीं सिखाई हमने|
लिपि ने अपने कैमरे से कई सारे अजीब-अजीब पोज़ बनवा कर अपने मम्मी-पापा के फोटो खींचे|
देख-देख कर खूब हँसे हम तीनों|
सच पूनम, आपके साथ जीवन बड़ा सहज है - तमाम तरह के खट्टे मीठे अनुभवों के साथ|
जितना प्यार किया है 'तुमने' मैं तो इसके योग्य नहीं......!!!!!!!
4 टिप्पणियां:
आप दोनों को इस अवसर पर ढेर सारी बधाई।
लिपि ने कई पोज़ खींचे और आपने सिर्फ़ पूनम बहनजी की ही फोटो चेप दी.... बहुत अन्याय है..:)
आपको और पूनम जी को बहुत बहुत बधायी.आगे भी आप दोनों का साथ इसी तरह बना रहे! इन्हीं शुभकामनाओं के साथ...
शांता सुंदरी
@प्रवीण पाण्डेय,
@सी एम साहब और
@शांता सुंदरी जी,
पूर्णिमा जी और मैं आपके इस अहेतुक स्नेह के लिए ऋणी अनुभव करते हैं.
प्रेम बनाए रखें.
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