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गुरुवार, 6 मई 2010

''ग्लोबलाइज्ड अर्थव्यवस्था में हिंदी की भूमिका'' पर व्याख्यान संपन्न


''ग्लोबलाइज्ड अर्थव्यवस्था में हिंदी की भूमिका'' पर व्याख्यान संपन्न


हैदराबाद,६ मई,२०१०.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के राजभाषा प्रभाग के तत्वावधान में आयकर निदेशालय के अंतर्गत देश भर में कार्यरत हिंदी अनुवादकों के लिए 'आयकर शिखर' में आयोजित त्रिदिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार के दूसरे दिन विशेष वक्ता के रूप में पधारे प्रो.ऋषभ देव शर्मा ने ''ग्लोबलाइज्ड अर्थव्यवस्था में हिंदी की भूमिका'' पर व्याख्यान दिया.
अतिथि व्याख्याता ऋषभ देव शर्मा ने विस्तार से यह स्पष्ट किया कि ग्लोबलाइज्ड अर्थव्यवस्था में भारत केवल दुनिया भर के माल की खपत के लिए मंडी ही न रहकर उत्पादक और विक्रेता के रूप में भी उभर रहा है . उन्होंने वैश्विक कारोबार,सूचना प्रौद्योगिकी और बाज़ार की दृष्टि से हिंदी की आवश्यकता और क्षमता के बारे में बताते हुए आगे यह भी कहा कि कंप्यूटर और मोबाइल का जितना प्रसार होगा तथा आर्थिक विकास जितनी जल्दी गाँवों को लक्षित करेगा , हिन्दी सहित सभी स्थानीय भाषाओं के लिए उतना ही अनुकूल माहौल बनेगा क्योंकि गाँवों तक व्यवसाय इन्हीं भाषाओं के माध्यम से प्रसारित हो सकता है.

आरम्भ में आयकर निदेशालय के राजभाषा अधिकारी आर के शुक्ल ने प्रो.शर्मा का परिचय देते हुए स्वागत किया.सुश्री साहू के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ चर्चा संपन्न हुई.

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