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सोमवार, 14 नवंबर 2011

आओ उतारें तारे ज़मीन पर

फोटो कार्यशाला - 18  - लिपि भारद्वाज

स्वतंत्र वार्त्ता :14 नवंबर , 2011              अनुवाद : सीएमपी अंकल 
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3 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

तारे जमीं पर।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

रामकुमार वर्मा की बढिया पंक्तियां उद्धृत हुई हैं सर जी॥

डॉ.बी.बालाजी ने कहा…

'तारे ज़मीन पर' उतारने की कला अद्भुत है. फोटो प्रेमियों के लिए अच्छी कार्शाला है. लिपि भारद्वाज को बधाई.आपको और सीएमपी अंकल को धन्यवाद.आभार...