अभी उस दिन यानी परसों ही तो डॉ. बी आर अंबेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय से फोन आया था कि शीघ्रातिशीघ्र वे एम ए के लिए कृष्णा सोबती की कहानी ''सिक्का बदल गया'' पर वीडियो पाठ रिकॉर्ड करना चाहते हैं. आनन फानन तैयारी करके आज रिकॉर्डिंग करा दी. ए वी पी आर सी से दोपहर बाद सामग्री दूरदर्शन को भी चली गई ताकि सोमवार 7 नवंबर 2011 को प्रातः 5-30 पर प्रसारण हो सके सप्तगिरि चैनल [हैदराबाद] पर. सहायक सामग्री के रूप में बनाई प्रस्तुति यहाँ सहेजी जा रही है.......
6 टिप्पणियां:
अच्छी प्रस्तुति
Gyan Darpan
डाक्टर साहेब विडिओ स्लाइड का टाइम थोड़ा बड़ा दीजिये दो तीन बार में पढ़ा विस्तृत समीक्षा , आभार
बिन्दुवार तरीके से समझायी गयी कहानी, नयी विधा।
विभाजन की त्रासदी पर सुंदर कहानी की सारगर्भित चर्चा के लिए आभार। स्लाईड शो से आज की तकनीक का बढिया उपयोग किया है सर जी आपने॥
Just because the story shows the key character suffering because of the partition, does it become anti-partition?
What am I missing here?
I think most of us take any reasonable portrayal (read: no jingoism) of partition/ war to be anti-partition/ anti-war.
@Ratan Singh Shekhawat
प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ.
@Sunil Kumar
इतनी रुचि दर्शाने के लिए कृतज्ञ हूँ. वैसे यदि स्लाइड के ऊपर क्लिक कर के देखें तो इच्छानुसार प्ले और पौस करके पढ़ सकते हैं शायद.
फिर भी मैं समय बढाकर देखता हूँ.
@प्रवीण पाण्डेय
आपको अच्छा लगा तो मुझे भी कृतार्थता का बोध हुआ.
@चंद्रमौलेश्वर प्रसाद
आप उकसावा देते रहें बस.....मेरे लिए काफी है.
@Luv
आपकी बात को नकारा नहीं जा सकता.
विभाजन विरोध उस तरह इस कहानी में मुखर है भी नहीं.....ध्वनित होता है.
लेकिन और ज्यादा जोर से ध्वनित यह होता है कि
घृणा नहीं ममता ही मानवीय सत्य है.
मंटो का नायक जिन परिस्थितियों में पागलों सा व्यवहार करने लगता है कृष्ण सोबती की शाहनी उन्हीं में कैसे सर्वाइव करती है, यह भी देखने की बात हो सकती है.
आज सवेरे इस पाठ का प्रसारण हो चुका है. ऑडियो रिकॉर्डिंग भी आपके लिए ज़ल्दी ही ब्लॉग पर लगाऊँगा.
आपके कमेंट्स सदा अच्छे लगते हैं जी!
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