ऋषभ उवाच
साहित्य : सृजन और समीक्षा
फ़ॉलोअर
रविवार, 7 अगस्त 2011
हिंदी-तेलुगु तुलना : काव्यशास्त्र और अनुवाद समीक्षा : दो किताबें
-स्वतंत्र वार्त्ता- ७ अगस्त २०११-पृष्ठ ८-
यहाँ
पढ़ें या फोटो पर क्लिक करें.
1 टिप्पणी:
प्रवीण पाण्डेय
ने कहा…
दो भाषाओं का ज्ञान और उस पर काव्य की तरलता।
7 अग॰ 2011, 12:37:00 pm
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
दो भाषाओं का ज्ञान और उस पर काव्य की तरलता।
एक टिप्पणी भेजें