साहित्य : सृजन और समीक्षा
केदारनाथ अग्रवाल पर आपने बढिया प्रकाश डाला और उनकी ‘तुम’ पर अच्छी व्याख्या करते हुए उनकी प्रेम पर लिखी पत्नी को संबोधित कविताओं में छिपे मर्म को उजागर किया। केदार की कविता और ऋषभ की आवाज़ का तालमेल इस गोष्ठी में देखने को मिला। शाम सार्थक हुई।
@cmpershadकविता बढ़िया हो तो स्वर का तालमेल तो खुद ब खुद आ जाता है. और फिर जब आप सरीखे पके हुए श्रोता सामने हों तो ........
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केदारनाथ अग्रवाल पर आपने बढिया प्रकाश डाला और उनकी ‘तुम’ पर अच्छी व्याख्या करते हुए उनकी प्रेम पर लिखी पत्नी को संबोधित कविताओं में छिपे मर्म को उजागर किया। केदार की कविता और ऋषभ की आवाज़ का तालमेल इस गोष्ठी में देखने को मिला। शाम सार्थक हुई।
@cmpershad
कविता बढ़िया हो तो स्वर का तालमेल तो खुद ब खुद आ जाता है. और फिर जब आप सरीखे पके हुए श्रोता सामने हों तो ........
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