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शनिवार, 26 मार्च 2011

शमशेर शताब्दी समारोह 30-31 मार्च को

हैदराबाद, 26 मार्च, 2011।
उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा तथा मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्व विद्यालय  के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार शमशेर बहादुर सिंह का शताब्दी समारोह 30 और 31 मार्च को उर्दू विश्वविद्यालय के गच्ची बावली स्थित सी.पी.डी.यू.एम.टी. ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा।
13 जनवरी, 1911 को उत्तर प्रदेश के जिला मुज़फ्फरनगर के गाँव एलम में जन्मे 'कवियों के कवि' शमशेर बहादुर सिंह की शताब्दी के अवसर पर आयोजित इस समारोह में उनके स्मरण और मूल्यांकन की दृष्टि से द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की जा रही है। इस समारोह का उदघाटन  30 मार्च, बुधवार, को प्रातः 10 बजे प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गंगा प्रसाद विमल करेंगे तथा प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह बीज व्याख्यान देंगे।नामवर जी यहाँ 29 को आ रहे हैं तथा 31 तक रहेंगे. 

उल्लेखनीय है कि डॉ. नामवर सिंह ने शमशेर की प्रतिनिधि कविताओं का संपादन करते हुए उनकी विलक्षणता को 'शमशेर  की शमशेरियत' के रूप में रेखांकित किया है। प्रो. नामवर सिंह इस समारोह में दोनों दिन उपस्थित रहेंगे और 'दक्खिनी भाषा और साहित्य' तथा 'भूख, धान और चिड़िया' शीर्षक दो नवप्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण भी करेंगे। 

इस समारोह का विशेष आकर्षण वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा शमशेर के संस्मरणों को साझा करने और उनकी कृतियों पर वादमुक्त दृष्टि से विचार करने का रहेगा। उदघाटन सत्र की अध्यक्षता मानू के कुलपति प्रो. मोहम्मद मियाँ करेंगे तथा आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी के अध्यक्ष प्रो. यार्लगड्डा लक्ष्मी प्रसाद विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। 
पहले दिन 'शमशेर की स्मृति' विषयक सत्र में डॉ. नामवर सिंह, डॉ. गंगा प्रसाद विमल, डॉ. दिलीप सिंह और डॉ. टी.वी.कट्टीमनी शमशेर के सान्निध्य से संबंधित अपने अनुभव सुनाएँगे तथा डॉ. अब्दुल सत्तार दलवी अध्यक्षता करेंगे। 'शमेशेर की कविता' विषयक सत्र की अध्यक्षता डॉ. अर्जुन चव्हाण करेंगे और शमशेर बहादुर सिंह की काव्यानुभूति, काव्य भाषा, रंग शब्दावली, गज़लों और शोकगीतों की विवेचना डॉ. अब्दुल अलीम, डॉ.दिलीप सिंह, डॉ. ऋषभदेव शर्मा, डॉ. श्रवण कुमार मीणा और डॉ. हीरालाल बाछोतिया करेंगे।
'शमशेर के गद्य लेखन' के विविध पक्षों पर समारोह के दूसरे दिन वैचारिक मंथन होगा जिसकी अध्यक्षता डॉ. हेमराज मीणा और डॉ. राधेश्याम शुक्ल करेंगे तथा डॉ. सुनीता मंजनबैल, डॉ. अर्जुन चव्हाण, डॉ. रोहिताश्व, डॉ. रतन कुमार पांडेय, डॉ. निर्मला एस.मौर्य, डॉ. अमर ज्योति, डॉ. गजेंद्र तथा डॉ. राजीव लोचन शुक्ल शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। समापन सत्र में प्रो. टी.वी. कट्टीमनी समाकलन वक्तव्य देंगे। डॉ. आई.एन. चंद्रशेखर रेड्डी, डॉ.गोपाल शर्मा तथा अन्य विद्वान टिप्पणी करेंगे। डॉ. गंगा प्रसाद 'विमल' समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

दोनों आयोजक संस्थाओं की ओर से नगर के समस्त हिंदी प्रेमियों से इस द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में पधारने का अनुरोध किया गया है।


2 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आयोजन के लिये हार्दिक शुभकामनायें।

राधा कृष्ण मिरियाला ने कहा…

हार्दिक शुभकानाएँ!!!
जरूर भाग लेंगे !!!
धन्यवाद जी !