काफी वक्त गुजर गया जब डॉ. राम कुमार तिवारी जी [निर्दोष] ने उप्पुगुडा [हैदराबाद] में मेधावी छात्रों कों सम्मानित और पुरस्कृत करने के लिए कार्यक्रम रखा था. पर आज वह प्रसंग ताज़ा हो आया. हुआ यों कि वयोवृद्ध कवि सत्यनारायण शर्मा 'कमल' जी उनके यहाँ होते हुए मेरे पास आए संस्थान में, तो तिवारी जी ने उनके हाथ उस आयोजन के कुछ फोटो भी भिजवा दिए.
शर्मा जी आयु के नवें दशक में हैं. अपने सुपुत्र के साथ आए थे. बहुत अशक्त हो गए हैं. ऊंचा तो वे सुनते ही हैं. पर आज पहली बार उन्हें बेंत के सहारे झुककर चलते देखा तो मैं धक्क रह गया. पता चला कि दोनों घुटने जवाब दे चुके हैं और आपरेशन करने से डॉक्टरों ने मना कर दिया है क्योंकि हृदय झेल नहीं पाएगा. अभी पिछले वर्ष जब मिले तो शर्मा जी इतने थके और पराजित से न थे. पर आज... उनकी आवाज में ...खा ...ली ....प ....न.....सा था.बोले - साल छः महीने का जीवन है अब क्या आपरेशन करावें? सब परिचितों का हालचाल पूछते रहे .१५ मिनट रुके होंगे मेरे पास. मैं भी निकल रहा था. वे भी निकल गए. पर मन भारी हो गया. परमात्मा उन्हें स्वस्थ रखे....वे दीर्घायु हों...!
शर्मा जी आयु के नवें दशक में हैं. अपने सुपुत्र के साथ आए थे. बहुत अशक्त हो गए हैं. ऊंचा तो वे सुनते ही हैं. पर आज पहली बार उन्हें बेंत के सहारे झुककर चलते देखा तो मैं धक्क रह गया. पता चला कि दोनों घुटने जवाब दे चुके हैं और आपरेशन करने से डॉक्टरों ने मना कर दिया है क्योंकि हृदय झेल नहीं पाएगा. अभी पिछले वर्ष जब मिले तो शर्मा जी इतने थके और पराजित से न थे. पर आज... उनकी आवाज में ...खा ...ली ....प ....न.....सा था.बोले - साल छः महीने का जीवन है अब क्या आपरेशन करावें? सब परिचितों का हालचाल पूछते रहे .१५ मिनट रुके होंगे मेरे पास. मैं भी निकल रहा था. वे भी निकल गए. पर मन भारी हो गया. परमात्मा उन्हें स्वस्थ रखे....वे दीर्घायु हों...!
3 टिप्पणियां:
बहुत मिलनसार और प्रेमी है भाई सत्यनारायण कमल जी। कुछ दिन ब्लाग पर न दिखें तो पूछ लेंगे कि सब ठीक ठाक हैं क्या? बेचारे इतनी दूर मेरे घर भी आते रहे पर अब.... जीवन चलने का नाम, रुकने का नहीं काम!! ईश्वर उन्हें स्वस्थ और शतायु बनाएं।
आयेगा सो जाएगा भी ये सफ़र का सिलसिला है
कौन ठहरा है यहाँ पर अनवरत चलना मिला है
भगवान उन्हें लम्बी उम्र दे।
एक टिप्पणी भेजें