aah! yahan hindi mein kaise likhoon ? lekh ke sankshipt saaransh se hee santosh kar liya . Link par padha nahin gaya ki akshar bahut chhote aur syaahi halki lagi |
दाता देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और हमारे डा गोपाल शर्मा छप्पर फाड़ कर ही तो दे रहे हैं . लिखना एक कला है और डा साहब कलाकार. सरस्वती माँ का प्रसाद तो बट रहा है परन्तु विदुषियों के अतिरिक्त कौन इसको पढ़ रहा है समझ रहा है. ये सच है लेखन की प्रतिभा जन्मजात होती है या नहीं होती है. इस में सुधार तो हो सकता है परन्तु धरातल तो होना चाहिए ही. काश हममें ...! हाँ डा साहब को बधाई और बहुत स्नेह पूर्वक. गुरु दयाल अग्रवाल
5 टिप्पणियां:
बढ़िया चल रही है लेखमाला।
ज्ञान वर्धक लेख अच्छा लगा मेरी बधाई स्वीकार करें |
aah! yahan hindi mein kaise likhoon ?
lekh ke sankshipt saaransh se hee santosh kar liya . Link par padha nahin gaya ki akshar bahut chhote aur syaahi halki lagi |
kml
दाता देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है और हमारे डा गोपाल शर्मा छप्पर फाड़ कर ही तो दे रहे हैं . लिखना एक कला है और डा साहब
कलाकार. सरस्वती माँ का प्रसाद तो बट रहा है परन्तु विदुषियों के अतिरिक्त कौन इसको पढ़ रहा है समझ रहा है. ये सच है लेखन की प्रतिभा जन्मजात होती है या नहीं होती है. इस में सुधार तो हो सकता है परन्तु धरातल तो होना चाहिए ही. काश हममें ...! हाँ
डा साहब को बधाई और बहुत स्नेह पूर्वक. गुरु दयाल अग्रवाल
@ gdblog9
आपकी टिप्पणी मजेदार है.
डॉ.गोपाल शर्मा जी छप्पर फाड़ने का भी धंधा करते हैं यह जानकर कान खड़े होना स्वाभाविक है.
वैसे अखबार में उनकी यह सीरीज काफी पढी जा रही है.
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