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शनिवार, 21 नवंबर 2009

छायावादी वर्षा : बादल राग से दुख की बदली तक

छायावाद : बादल/वर्षा/पावस/सावन












सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
1. बादल राग (1,2,3,4,5,6) (परिमल)
2. जलद के प्रति (परिमल)
3. अलि, घिरि आये घन पावस के (परिमल)
4. छाये आकाश में काले-काले बादल देखे (बेला)
5. गर्जन से भर दो वन (राग विराग)
6. कौन तम के पार ? (राग विराग)
7. लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो, (राग विराग)
8. उत्साह (बादल, गरजो!) (राग विराग)
9. बादल छाये (राग विराग)
10. बातें चलीं सारी रात तुम्हारी (राग विराग)
11. काले-काले बादल छाये (राग विराग)
12. टूटी बाँह जवाहर की (राग विराग)
13. खुला आसमान (राग विराग)
14. फिर बेले में कलियाँ आईं (राग विराग)
15. मालती खिली, कृष्ण मेघ की (राग विराग)
16. प्यासे तुमसे भरकर हरसे (राग विराग)
17. जिधर देखिये, श्याम विराजे (राग विराग)
18. पारस, मदन हिलोर न दे तन (राग विराग)
19. केश के मेचक मेघ छूटे (राग विराग)
20. धिक मनस्सब, मान, गरजे बदरवा (राग विराग)
21. धिक मद, गरजे बदरवा (राग विराग)
22. मुक्तादल जल बरसो, बादल (अर्चना)
23. गगन गगन है गान तुम्हारा (अर्चना)
24. बीन वारण के वरण घन (अर्चना)
25. घन आये, घनश्याम न आये (अर्चना)
26. तपी आतप से जो सित गात (अर्चना)
27. मन मधु बन, आली ! (अर्चना)
28. पथ पर मेरा जीवन भर दो (अनामिका)
29. बादल, गरजो (अनामिका)
30. नाचे उस पर श्यामा (अनामिका)
31. वर्षा (नए पत्ते)
32. घन, गर्जन से भर दो वन (अपरा)
33. बादल (अपरा)
34. आये घन पावस के (अपरा)







सुमित्रानंदन पंत
1. मौन निमंत्रण (तारापथ)
2. पर्वत प्रदेश में पावस (रश्मिबंध)
3. युग विषाद (रश्मिबंध)
4. वर्षा गीत (रश्मिबंध)
5. काले बादल (मुक्ताभ)
6. मेघों के पर्वत (मुक्ताभ)
7. बदली का प्रभात (चिदंबरा)
8. झंझा में नीम (चिदंबरा)
9. कृष्ण घन (चिदंबरा)
10. काले बादल (सुनता हूँ मैंने भी देखा) (चिदंबरा)
11. सावन (चिदंबरा)
12. जगत घन (चिदंबरा)
13. अंतरव्यथा (चिदंबरा)
14. युग विराग (चिदंबरा)
15. मेघों के पर्वत (चिदंबरा)









जयशंकर प्रसाद
1. उनको देख कौन रोया (कामायनी)
2. रूप (झरना)
3. पावस प्रभात (झरना)
4. आह रे, वह अधीर यौवन (लहर)
5. जो घनीभूत पीड़ा (आँसू)











महादेवी वर्मा
1. मेह बरसने वाला है (प्रथम आयाम)
2. बारहमासा (माँ कहती अषाढ़ आया है) (प्रथम आयाम)
3. मरजाद सँभारहु (प्रथम आयाम)
4. मुक्तावलियान में (प्रथम आयाम)
5. षड्ऋतु (कुमकुम से नभ बंध सजे) (प्रथम आयाम)
6. पपीहे से (प्रथम आयाम)
7. करते करुणा घन छाँह जहाँ (प्रथम आयाम)
8. पानी से (प्रथम आयाम)
9. सागर हू न पठायो इन्हें (प्रथम आयाम)
10. नहिं कारे न ऊदे न गर्जन हारे (प्रथम आयाम)
11. बादल (कहाँ गया वह श्यामल बादल) (प्रथम आयाम)
12. विहान रहा (प्रथम आयाम)
13. कण की महिमा (प्रथम आयाम)
14. घटा गिरती रही (प्रथम आयाम)
15. हंस दूत (प्रथम आयाम)

16. जो न प्रिय पहचान पाती (दीपशिखा)

17. मैं न यह पथ जानती री (दीपशिखा)
18. झिप चलीं पलकें तुम्हारी पर कथा है शेष (दीपशिखा)
19. मिट चली घटा अधीर (दीपशिखा)
20. मेघ-सी घिर झर चली मैं (दीपशिखा)

21. निमिष से मेरे विरह के कल्प बीते (दीपशिखा)
22. मैं पलकों में पाल रही हूँ (दीपशिखा)

23. नव घन आज (नीलांबरा)
24. तुम्हें बाँध पाती सपने में (नीरजा)
25. आज क्यों तेरी वीणा मौन (नीरजा)
26. शृंगार कर ले री सजनि (नीरजा)

27. घन बनूँ वर दो मुझे प्रिय (नीरजा)
28. आ मेरी चिर मिलन यामिनी (नीरजा)

29. कमलदल पर किरण अंकित (नीरजा)
30. क्या नयी मेरी कहानी (नीरजा)
31. जाने किसकी स्मित रूम झूम (नीरजा)
32. मुस्काता संकेत भरा नभ (संधिनी)
33. लाये कौन संदेश नये घन (संधिनी)
34. प्राणपिक प्रिय-नाम रे कह (संधिनी)
35. मिट चली घटा अधीर (संधिनी)

36. कहाँ से आए बादल काले (संधिनी)
37. मैं नीर भरी दुख की बदली (संधिनी)

1 टिप्पणी:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

शोधार्थियों के लिए बहुत लाभप्रद संकलन।