हैदराबाद साहित्य उत्सव [16-18 जनवरी 2012] के तीसरे दिन एक-एक सत्र क्रमशः उर्दू और हिंदी कविता पाठ का रहा. तुरंत बाद हिंदी-उर्दू का संयुक्त मुशायरा भी रखा गया.हिंदी काव्य-पाठ के सत्र में डॉ. अहिल्या मिश्र, शशि नारायण 'स्वाधीन', प्रो.किशोरी लाल व्यास तथा ऋषभ देव शर्मा [अध्यक्ष] को अपनी कवितायेँ सुनाने का मौका मिला. कविताएं पहले से तय थीं और एलिजाबेथ कुरियन 'मोना' ने अत्यंत रुचि व श्रम पूर्वक अंग्रेज़ी अनुवाद करके श्रोताओं कों अनूदित पाठ भी उपलब्ध करा दिया था; उर्दू कविताओं का भी.
संपत देवी मुरारका जी और विनीता शर्मा जी ने तीनों दिन के चित्र भेजे हैं. हाज़िर हैं-
2 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी पोस्ट !
कुछ जाने पहचाने चहरे है आभार !
कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई सर जी॥
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