साहित्य : सृजन और समीक्षा
ek ek pankti sahii haen kavitaa nahin sach haen jiska saamna karna kathin haen . text form mae mujeh email kardae naari kavita blogpar post karnae kae liyae
बहुत ही सुन्दर भाव लिये हुये कविता........सुन्दर
achchha likha aapne...dukhad hai par sach hai.
बहुत बढिया, बहुत सार्थक। पर क्या हमारे नेता लोग पढे़-लिखे हैं जो इस कविता को समझ सकें, इस देश का दर्द समझ सकें, अपनी संस्कृति और सभ्यता की अस्मिता को समझ सकें???????????बधाई ...इस मन को छूने वाली कविता के लिए!
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4 टिप्पणियां:
ek ek pankti sahii haen kavitaa nahin sach haen jiska saamna karna kathin haen .
text form mae mujeh email kardae naari kavita blogpar post karnae kae liyae
बहुत ही सुन्दर भाव लिये हुये कविता........सुन्दर
achchha likha aapne...dukhad hai par sach hai.
बहुत बढिया, बहुत सार्थक। पर क्या हमारे नेता लोग पढे़-लिखे हैं जो इस कविता को समझ सकें, इस देश का दर्द समझ सकें, अपनी संस्कृति और सभ्यता की अस्मिता को समझ सकें???????????
बधाई ...इस मन को छूने वाली कविता के लिए!
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