हैदराबाद, २२ जुलाई .२००९ ।
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय 'पाठ्य सामग्री लेखन कार्यशाला' का समापन समारोह सभा के सम्मेलन कक्ष में संपन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. एम. वेंकटेश्वर ने बताया कि हिंदी को द्वितीय भाषा और विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाने के लिए जनसंचार और बहुसंचार माध्यमों के उपयोग से संबंधित नए स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम वास्तव में उत्तरआधुनिक भारत की नई शिक्षा - चुनौतियों के अनुरूप हैं|
कार्यशाला के संयोजक प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने जानकारी दी कि '' जनसंचार स्नातकोत्तर डिप्लोमा '' तथा ''बहुसंचार माध्यम और हिंदी शिक्षण स्नातकोत्तर डिप्लोमा'' के कुल मिलाकर 12 प्रश्नपत्रों के लिए सामग्री लेखन का कार्य अपने अंतिम चरण में है। कार्यशाला में हैदराबाद के अतिरिक्त चेन्नई, एरणाकुलम और धारवाड से आए प्राध्यापकों और विशेषज्ञों ने चर्चा - परिचर्चा और लेखन कार्य संपन्न किया।यह कार्यशाला प्रो. दिलीप सिंह के निर्देशानुसार आयोजित की गई|
समारोह के आरंभ में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक ए.जी. श्रीराम ने अतिथियों का स्वागत किया। आंध्रसभा के सचिव एस.के. हलेमनी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समारोह संपन्न हुआ।
चित्र परिचय
उच्च शिक्षा और शोध संस्थान में संपन्न पाठ्य सामग्री लेखन कार्यशाला के समापन अवसर पर बोलते हुए प्रो. एम. वेंकटेश्वर। साथ में, डॉ. नारायण राजू, डॉ. ऋषभदेव शर्मा, एस.के.हलेमनी और ए.जी. श्रीराम।
1 टिप्पणी:
दक्षिण में जो हिंदी के लिए कार्य हो रहा है, वह सराहनीय है। यह संदेश देश में जाना चाहिए कि दक्षिण में भी हिंदी साहित्य रचा जा रहा है॥
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