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गुरुवार, 29 जनवरी 2009

गोवा में बहुभाषिक कविसम्मेलन आयोजित

गोवा में बहुभाषिक कविसम्मेलन आयोजित
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प्रो. एन. गोपी की काव्य कृति 'समुद्र, मैं और गोवा' लोकार्पित
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गोवा की प्रसिद्ध साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था इंस्टिट्यूट मिनेझिस ब्रागान्झा [पणजी] के तत्वावधान में भारतीय गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में पणजी स्थित आर्ट गैलरी सभागृह में ''बहुभाषिक कवि सम्मलेन'' आयोजित किया गया . कवि सम्मलेन की अध्यक्षता वरिष्ठ कोंकणी साहित्यकार रमेश भगवंत वेलुस्कर ने की तथा संचालन संस्थान के सचिव अशोक परब ने किया. इस अवसर पर डॉ.ऋषभ देव शर्मा और लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने हिन्दी , प्रमोद जोशी और प्रवीण बांदेकर ने मराठी , फिलोमिना सानफ्रांसिस्को और एंड्रू डिकुन्हा ने कोंकणी , डॉ.उषा उपाध्याय ने गुजराती,डॉ. एन.गोपी ने तेलुगु तथा सावित्री राजीवन ने मलयालम भाषा में काव्य-पाठ किया. कार्यक्रम की विशेष उपलब्धि यह रही कि सभी हिंदीतर भाषी कवियों ने अपनी मातृभाषा में पठित कविताओं के हिन्दी-काव्यानुवाद का भी वाचन किया जिसकी श्रोताओं ने भूरि-भूरि प्रशंसा की. इस अवसर पर विख्यात तेलुगु कवि प्रो. एन. गोपी की गोवा -प्रवास के दौरान रचित तेलुगु काव्यकृति के हिन्दी अनुवाद ''समुद्र , मैं और गोवा'' का लोकार्पण भी संपन्न हुआ. आर शांता सुन्दरी द्वारा अनूदित इस पुस्तक का लोकार्पण, समारोह के अध्यक्ष रमेश भगवंत वेलुस्कर ने किया तथा रचनाकार ने प्रथम प्रति गोवा के प्रमुख शिक्षाविद् मोहन दास सुर्लेकर को समर्पित की. ................................................................................................................................ [चित्र-परिचय : गोवा में संपन्न बहुभाषिक कवि-सम्मलेन के अवसर पर (प्रथम पंक्ति में)- सावित्री राजीवन, फिलोमिना सानफ्रांसिस्को, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल , ऋषभ देव शर्मा , रमेश भगवंत वेलुस्कर तथा मोहनदास सुर्लेकर, (द्वितीय पंक्ति में)- प्रमोद जोशी, प्रवीण बांदेकर, एंड्रू डिकुन्हा तथा अशोक परब. इनसेट में डॉ. एन. गोपी की काव्यकृति ''समुद्र,मैं और गोवा'' का लोकार्पण करते हुए कोंकणी कवि रमेश भगवंत वेलुस्कर.] ....................................................................................................................................

2 टिप्‍पणियां:

mamta ने कहा…

अखबार मे पढ़ा था इस कवि सम्मलेन के बारे मे ।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

गोवा के इस बहुभाषी कवि गोष्ठी की सफलता के लिए बधाई।