हैदराबाद, 23 जनवरी 2009.
गोवा विश्व विद्यालय, गोवा के हिन्दी विभाग में आयोजित विशेष व्याख्यान माला के अंतर्गत उच्च शिक्षा और शोध संसथान, हैदराबाद के आचार्य एवं अध्यक्ष डॉ. ऋषभ देव शर्मा के दो व्याख्यान क्रमशः 'समकालीन कविता की चेतनाभूमि' और 'प्रयोजनमूलक हिन्दी तथा अनुवाद' विषयों पर संपन्न हुए.
आरम्भ में गोवा विश्व विद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो.रवीन्द्रनाथ मिश्र ने मुख्य अतिथि प्रो.शर्मा का परिचय देते हुए स्वागत किया. प्रो. शर्मा ने अपने पहले व्याख्यान में समकालीन कविता की मुख्य विशेषता के रूप में उसकी राजनैतिक जागरूकता और लोकतंत्र में प्रतिपक्ष जैसी जनपक्षीय भूमिका को रेखांकित किया.
दूसरे व्याख्यान में उन्होंने विशेष प्रयोजनों की भाषा के रूप में हिन्दी के स्वरुप निर्धारण में अनुवाद के योगदान की चर्चा की. और इस बात पर बल दिया कि विविध ज्ञान विज्ञान के आधुनिकतम अनुसंधानों के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए हिन्दी में अनूदित और मौलिक लेखन को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिए जाने की ज़रूरत है.
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों और शोधार्थियों की जिज्ञासाओं के भी उत्तर दिए.
प्राध्यापक डॉ. छाया के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.
1 टिप्पणी:
साथ ही गोवा की सैर का कुछ विवरण दे देते तो अच्छा लगता। सफल व्याख्यान देने के लिए बधाई, सरजी।
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