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सोमवार, 16 अप्रैल 2012

'देहरी' और 'कविता का समकाल' लोकार्पित

31 मार्च 2012 को भास्कर ऑडिटोरियम, हैदराबाद में एक विचित्र प्रतीत होने वाला आयोजन हबड-तबड में संपन्न हुआ. अर्थात 30 पुस्तकों का एक साथ लोकार्पण. 

यार लोगों ने कहा - यह तो पुस्तक-मेले की तर्ज़ पर लोकार्पण-मेला हो गया! लोकार्पित पुस्तकों में से ज़्यादातर डॉ अनंत काबरा की थीं या उनके बारे में थीं. 

इस विचित्र समारोह में हमारी भी दो बहुप्रतीक्षित किताबें रिलीज़ हो गईं - 
1.देहरी - जिसमें पिछले वर्षों लिखी अपुन की कुछ स्त्रीपक्षीय कविताएँ हैं  और
2.कविता का समकाल - जिसमें समकालीन कविता पर कुछ समीक्षात्मक आलेख हैं.


7 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

यह तो महालोकार्पण हुआ कविताओं का।

संपत देवी मुरारका ने कहा…

आ. ऋषभदेव जी,
पुस्तकों के लोकार्पण की हार्दिक बधाई स्वीकारें.

मनोज कुमार ने कहा…

हार्दिक बधाई!

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

@प्रवीण पाण्डेय
लेकिन कई बातें इस समारोह की उल्लेखनीय रहीं जिन्हें मैंने लिखा नहीं. जैसे कि अपनी चार किताबों का लोकार्पण डॉ अनंत काबरा ने चार अनाथ बच्चों से कराया.

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

@संपत देवी मुरारका

धन्यवाद.

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

@रविकर फैजाबादी

प्रिय भाई, बुधवारीय चर्चा में उल्लेख हेतु कृतज्ञ हूँ.

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

@रविकर फैजाबादी

आभारी हूँ.
स्नेह बना रहे.