हैदराबाद, 24 अक्टूबर,2011 .
वनिता महाविद्यालय में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई अनुवाद पर.
अपुन को भी परचा पढने का मौका मिला - ''विश्व साहित्य और अनुवाद'' पर.
द्रष्टव्य-
विश्व साहित्य एवं अनुवाद : हिंदी का संदर्भ- डॉ.ऋषभ देव शर्मा@ "विश्वम्भरा" : अंतरराष्ट्रीय प्रवासी-भाषा-लेखक-संघ
3 टिप्पणियां:
अनुवाद दो भाषाओं को सेतु है, कठिनतम विधाओं में से एक।
सदाबहार विषय पर उतना ही कम विवेचित
@ प्रवीण पाण्डेय
और
@Arvind Mishra
बेशक अनुवाद शास्त्र कठिन भी है और सदाबहार भी.
लेकिन हर्ष का विषय है कि इसके विभिन्न आयामों पर चर्चाएँ अब काफी होने लगी हैं.
आपकी सुरुचि को नमन.
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