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रविवार, 26 जुलाई 2009

वॉच ऋषभ उवाच

3 टिप्‍पणियां:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

कभी चिंतन, कभी रोष, कभी मुस्कान कभी सलवट:)

Udan Tashtari ने कहा…

cmpershad जी की बात सही है. :)

बेनामी ने कहा…

आप दोनों के प्रति आभारी हूँ.