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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

पुस्तक: खींचो न कमानों को


'खींचो न कमानों को' 6 सितंबर, 2021 से 20 जनवरी, 2022 तक की अवधि में ज्वलंत समसामयिक मुद्दों पर लिखी मेरी दैनिक वैचारिक टिप्पणियों में से चयित सत्तर का संकलन है। इससे पहले इस शृंखला के 5 संकलन आ चुके हैं- संपादकीयम्, समकाल से मुठभेड़, सवाल और सरोकार, लोकतंत्र के घाट पर (इलेक्शन गाथा), कोरोना काल की डायरी। आशा है, उनकी तरह इसे भी सुधी पाठकों का स्नेह मिलेगा।


इन टिप्पणियों को हैदराबाद से प्रकाशित प्रतिष्ठित समाचार पत्र 'डेली हिंदी मिलाप' ने अपने संपादकीय पृष्ठ पर स्थान दिया, इस हेतु मैं समस्त 'डेली हिंदी मिलाप' परिवार के प्रति कृतज्ञ हूँ। उन सब सयानों के प्रति तो आभारी हूँ ही जिनका विचार-ऋण मुझ पर है। प्रेम बना रहे! साभार…

  • ऋषभ

वसंत पंचमी

5 फरवरी, 2022.

लिंक: खींचो न कमानों को



1 टिप्पणी:

Admin ने कहा…

Bahut achi book hai. Thanks for sharing.

Regards,
Pawan
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