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शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

चार्टर्ड एकाउन्टेंट का अपना एकाउंट : 'आत्म मंथन' : लोकार्पित


'आत्म मंथन' हैदराबाद के प्रतिष्ठित व्यवसायी, चार्टर्ड एकाउन्टेंट और समाजसेवी लक्ष्मीनिवास शर्मा की आत्मकथा है. इस पुस्तक का विमोचन लेखक के 66 वें जन्मदिन पर 17  फ़रवरी 2012  को होटल एक्स्पोटेल में एक भव्य समारोह में संपन्न हुआ. व्यवसाय जगत की बड़ी हस्तियाँ जुटीं. लोकार्पण सीडीएसएल के अध्यक्ष एन. रंगाचारी ने किया और मुख्य अतिथि रहे कर्वे ग्रुप के अध्यक्ष सी. पार्थसारथी. पुस्तक समीक्षा की जिम्मेदारी अपुन ने निभाई.

300 पृष्ठ के आत्म मंथन में लेखक ने जहाँ अपनी 18 पीढ़ियों की वंशावली देते हुए अपने माता-पिता के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है वहीं आने वाली पीढ़ियों को अपने स्वयं के इतिहास, परंपरा और संस्कृति की विरासत भी हस्तांतरित करने का सम्यक प्रयास किया है.सबसे अच्छी बात यह है कि क्राउन आकार की यह सजिल्द पुस्तक केवल निःशुल्क वितरण के लिए छापी गई है. 

शुभकामनाएँ!

2 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ढेरों बधाईयाँ, इस विमोचन के लिये...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

एक कर्मठ व्यक्ति के जीवन की संध्या में संस्मरण ही तो रह जाते हैं। उन्हें उकेरते हुए प्रसिद्ध उद्योगपति और सी ए की आत्मकथा निस्संदेह प्रेरणादायक होगी॥