साहित्य : सृजन और समीक्षा
मुझे पुराने दिन आ गये जब आन्ध्र प्रदेश हिन्दी अकदमी का गठन होना था और मैं हैदराबाद में ही था उन दिनों के संस्मरण गोलकुण्डा दर्पण को भेजे थे पता नहीं उन्होंने छापे या नहीं
हिंदी लेखक का पुरस्कार मिलने पर बधाई:)
एक टिप्पणी भेजें
2 टिप्पणियां:
मुझे पुराने दिन आ गये जब आन्ध्र प्रदेश हिन्दी अकदमी का गठन होना था और मैं हैदराबाद में ही था उन दिनों के संस्मरण गोलकुण्डा दर्पण को भेजे थे पता नहीं उन्होंने छापे या नहीं
हिंदी लेखक का पुरस्कार मिलने पर बधाई:)
एक टिप्पणी भेजें