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मंगलवार, 14 सितंबर 2010

आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी द्वारा सम्मान समारोह आयोजित







2 टिप्‍पणियां:

वीरेन्द्र जैन ने कहा…

मुझे पुराने दिन आ गये जब आन्ध्र प्रदेश हिन्दी अकदमी का गठन होना था और मैं हैदराबाद में ही था उन दिनों के संस्मरण गोलकुण्डा दर्पण को भेजे थे पता नहीं उन्होंने छापे या नहीं

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

हिंदी लेखक का पुरस्कार मिलने पर बधाई:)