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सोमवार, 28 दिसंबर 2009

'क्या ऐसे भी लोग होते हैं?'

2 टिप्‍पणियां:

aarya ने कहा…

सादर वन्दे
कुछ इसके बारे में जानकारी भी दें
रत्नेश त्रिपाठी

Udan Tashtari ने कहा…

समाचार को विस्तार देते, तो अच्छा रहता!

यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।

हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.

मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.

निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

आपका साधुवाद!!

शुभकामनाएँ!

समीर लाल
उड़न तश्तरी