tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post57728350776042096..comments2024-03-26T08:59:04.807+05:30Comments on ऋषभ उवाच: कैलाशगिरि : वागर्थाविव संपृक्तौRISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-56734896700204615992009-12-28T10:47:42.857+05:302009-12-28T10:47:42.857+05:30eak jivant sansmaraneak jivant sansmarannidhihttps://www.blogger.com/profile/10547788604455203317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-45431531636960271262009-11-19T23:38:19.972+05:302009-11-19T23:38:19.972+05:30आपका संस्मरण आह्लादयुक्त है| बधाइयाँ!आपका संस्मरण आह्लादयुक्त है| बधाइयाँ!Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-43112499436709620302009-11-19T22:39:13.096+05:302009-11-19T22:39:13.096+05:30"हम आधी रात में मद्रास की सड़कों पर घूमने निक..."हम आधी रात में मद्रास की सड़कों पर घूमने निकलते थे."<br />शायद मजाज़ भी दिल्ली की सडकों पर इसी तरह घूमते हुए एक गज़ल रच डाली- शहर की रात है और मैं आवारा बादल की तरह...<br /><br />बहुत सुंदर और हृदय की गहराई से लिखा संस्मरण। विशाखापटनम और विजयनगरम ऐसे शहर है जहां फिल्मों की अधिकाधिक शूटिंग होती है। इसी लिए जगह-जगह बडी और आकर्षिक मूर्तिया व दृश्य बनाए गए हैं।<br /><br />बढिया संस्मरण पर बढिया चित्र इस लेखन को चार-चांद लगाते हैं। एक अच्छे संस्मरण के लिए बधाई सरजी॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com