tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post5668719900518870520..comments2024-03-26T08:59:04.807+05:30Comments on ऋषभ उवाच: नामवर सिंह के सान्निध्य में शमशेर शताब्दी समारोह संपन्नRISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-90003064235540878312011-04-04T07:57:23.837+05:302011-04-04T07:57:23.837+05:30हार्दिक शुभकामनायें !!हार्दिक शुभकामनायें !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-7067498888222474252011-04-03T05:45:50.970+05:302011-04-03T05:45:50.970+05:30अच्छा और ईमानदारी भरा प्रयास है आपका साहित्य और सं...अच्छा और ईमानदारी भरा प्रयास है आपका साहित्य और संस्कृति के उत्थान का....honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-61221970783946906292011-04-01T20:37:49.488+05:302011-04-01T20:37:49.488+05:30थोड़ी देर के लिए ही सही कार्यक्रम का हिस्सा बनकर म...थोड़ी देर के लिए ही सही कार्यक्रम का हिस्सा बनकर मैं अपने-आपको बड़ा भाग्यवान समझ रहा हूँ. इसके निम्न कारण हैं:-<br />१. परम आदरणीय नामवर जी को देखने और सुनने का मौका मिला.जिन्हें केवल पढ़कर ही खुश हुआ करते थे,उन्हें देखकर खुशी तो होगी ही.<br />२.कवियों के कवि शमशेर के बारे में जानने और कुछ हद तक समझने का मौका मिला.<br />३. उर्दू विश्वविद्यालय को देखने का अवसर मिला.<br />४.कार्यक्रम की फोटोग्राफी करने का भी मुझे मौका मिला और अलग-अलग प्रान्तों से पधारे वक्ताओं को सुनने-देखने का शुभ अवसर मिला. <br /><br />और इन सभी उपलब्धियों के लिए मैं ह्रदय से प्रो.दिलीप सिंह जी,प्रो.ऋषभ देव शर्मा जी और प्रो.टी.वी.कट्टीमणी जी का बहुत-बहुत आभारी हूँ. तीनों महानुभावों को धन्यवाद और उनके सभी साथियों को इस तरह का सफल कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई.- बालाजीडॉ.बी.बालाजीhttps://www.blogger.com/profile/10536461984358201013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-51660497641251224082011-04-01T19:11:50.962+05:302011-04-01T19:11:50.962+05:30चित्र आयोजन की रपट बनाते हुये।चित्र आयोजन की रपट बनाते हुये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-27544154962464318702011-04-01T16:43:37.894+05:302011-04-01T16:43:37.894+05:30नमस्ते सर जी ,
इस समारोह में आकर पता चला कि एक न...नमस्ते सर जी ,<br />इस समारोह में आकर पता चला कि एक नामवर होना कितनी यातना देता है . जब मैंने नामवरसिंह जी को भोजन करते हुए देखा तो ..वे एक निवाला अपने मुंह में रखते तब तक उनके प्रसंसको में से कोई न कोई उन्हें आकर घेर लेता ... उनका खाना खाना भी दुश्वार कर दिया था ...<br />लेकिन उस समय आप कहीं भी नामवर सिंह जी के साथ नज़र नहीं आए ..<br />लेकिन उनके साथ मुझे तो मौका मिल ही गया ..और बालाजी तो उनसे टेका ही लेकर बैठ गए हैं ..शिवाhttps://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-18763504938432252592011-04-01T15:55:44.415+05:302011-04-01T15:55:44.415+05:30नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.
ये पत्निय...<a href="http://najariya.blogspot.com/2011/02/blog-post_18.html" rel="nofollow">नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.</a><br /><br /><br /><a href="http://jindagikerang.blogspot.com/2011/03/blog-post_31.html" rel="nofollow">ये पत्नियां !</a>Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-35946741586114728122011-04-01T14:15:52.971+05:302011-04-01T14:15:52.971+05:30चित्र देखकर समारोह की सफलता का पता तो लग ही गया है...चित्र देखकर समारोह की सफलता का पता तो लग ही गया है। आपने और प्रो. दिलीप सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कोई कोर कसर नहीं रखी जिसे अन्य बंधुओं ने भी सहयोग दिया। चित्रों को देखकर एक कसक तो रही कि काश हम भी वहां होतॆ। बधाई स्वीकारें।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com