tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post2550913021113263642..comments2024-03-26T08:59:04.807+05:30Comments on ऋषभ उवाच: सेनानी कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहानRISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-9157611232475106892012-02-22T19:37:47.165+05:302012-02-22T19:37:47.165+05:30कवयित्री के रूप में सुभद्राकुमारी चौहान का महत्त्व...कवयित्री के रूप में सुभद्राकुमारी चौहान का महत्त्व विशेषत: अपनी 'झाँसी की रानी' और 'वीरों का कैसा हो वसंत' सरीखी कविताओं के कारण तो अक्षुण्ण है ही, वह इसलिए भी अक्षुण्ण है कि आप सरीखे निष्पक्ष साहित्यप्रेमी उन पर गोष्ठियाँ और सेमिनार आयोजित करने की आवश्यकता महसूस करते हैं।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-76807028843393246722012-02-20T14:24:39.302+05:302012-02-20T14:24:39.302+05:30सब पूछ रहे हैं दिग दिगन्त...सब पूछ रहे हैं दिग दिगन्त...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-67319721100468027652012-02-20T11:29:51.232+05:302012-02-20T11:29:51.232+05:30गोष्ठी की अच्छी रिपोर्ट व सुंदर चित्र के लिए आभार।...गोष्ठी की अच्छी रिपोर्ट व सुंदर चित्र के लिए आभार। अब न देश में वो माहौल रहा न जज़्बा जिसकी प्रेरणा लेकर कोई आज सुभद्रा कुमारी चौहान बन सके। आज तो बस देश खानों-खानॊं मे बंट रहा है :(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com