tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post2109840490189711701..comments2024-03-26T08:59:04.807+05:30Comments on ऋषभ उवाच: ‘‘उत्तर आधुनिक विमर्श और समकालीन साहित्य’’RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4143480273526923647.post-42907458068491681412010-04-23T11:04:26.105+05:302010-04-23T11:04:26.105+05:30विश्वव्यापी द्रुत परिवर्तनों के परिवेश में प्रबु...विश्वव्यापी द्रुत परिवर्तनों के परिवेश में प्रबुद्धजनों द्वारा <br />साहित्य की सजगता के लिए किए जाते ये प्रयास सार्थक हों ,कि जो वर्ग अब तक उपेक्षित से हाशिए पर पड़े रहे<br />मुख्य धारा के प्रवाह में सम्मिलित हो सकें, <br />और साहित्य अपनी संवेदना हर वर्ग के लिए बरकरार रख कर<br />अपना 'सहितभाव' सार्थक कर सके ,प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com